Monday, October 7, 2024

मौन निमंत्रण स्तब्ध ज्योत्सना में जब संसार चकित रहता शिशु सा नादान, विश्व के पलकों पर सुकुमार विचरते हैं जब स्वप्न अजान; न जाने नक्षत्रों से कौन निमंत्रण देता मुझको मौन!

No comments: